Sunita gupta

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नारी शक्ति

नारी शक्ति को सलाम  नारी के शब्द देखिए

स्त्री हूँ मैं
सब सम्भाल लेती हूँ।
आँगन की रंगोली हो ..
या दफ्तर की फाइलें ,
परिवार की चिंता हो ..
या बॉस की डाँट ,
सारी के पल्लू से बाँध लेती हूँ !!
स्त्री हूँ न,
सब संभाल लेती हूँ !!

ननद के राज़,
देवर की शरारतें ..
बच्चों की अठखेलियाँ,
दादी माँ के नुस्खे ,
पति का प्यार,
सास ससुर की देखभाल ..
ऑफिस में दोस्तों संग धूम मचा लेती हूँ !!
स्त्री हूँ न ,
सब सम्भाल लेती हूँ !!

सखी की शादी ..
ड्रेस डिज़ाइन या हेयर स्टाइल ,
पल में संवार देती हूँ !
बच्चों के स्कूल प्रोजेक्ट ..
पिया जी के मनपसंद खाने का स्वाद ,
चुटकियों में भाग दौड़ के .. 
सब काम बना लेती हूँ ,
स्त्री हूँ न ,
सब सम्भाल लेती हूँ !!

खुश होती हूँ,
गर्व से झूमती हूँ..
अपनों की ख्वाहिशों में दुनिया सजा लेती हूँ ,
हाँ हर कदम पर मैं सब सम्भाल लेती हूँ !!

पर......
मैं भी टूटती हूँ ..
बिखरती हूँ ,
कमज़ोर भी पड़ जाती हूँ ..
काश! कोई मुझे भी संभाल ले ..!
इस ख़्याल से नम पलकों को ..
तकिए से बाँट फिर मुस्कुरा लेती हूँ !!
स्त्री हूँ न,
सब संभाल लेती हूँ..!
🙏

सुनीता गुप्ता कान

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13 Comments

Palak chopra

18-Oct-2022 11:58 PM

Achha likha h

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Supriya Pathak

18-Oct-2022 10:13 PM

Achha likha hai 💐

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Pratikhya Priyadarshini

18-Oct-2022 01:01 AM

Achha likha hai 💐

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